Bharti Bhawan Physics Class-9:Chapter-3:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भौतिकी:कक्षा-9:अध्याय-3:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न


बल तथा गति के नियम






अतिलघु उत्तरीय प्रश्न




1. निम्नलिखित में किसका जड़त्व अधिक है? 
क. एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर
ख. एक साइकिल और एक रेलगाड़ी
ग. पांच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का एक सिक्का
उत्तर:-
जिस वस्तु का द्रव्यमान अधिक होता है उसका जड़त्व भी अधिक होता है| अत: पत्थर, रेलगाड़ी, पांच रूपए का सिक्का के जड़त्व अधिक होंगे|
2. न्यूटन के गति का कौन सा नियम जड़त्व का नियम कहा जाता है? 
उत्तर:- प्रथम नियम
3. गति का कौन सा नियम बल की परिभाषा देता है? 
उत्तर:- प्रथम नियम
4. किसी पिंड का त्वरण कब शून्य होता है? 
उत्तर:- जब बाहरी असंतुलित (परिणामी) बल शून्य हो तो पिंड का त्वरण भी शून्य होता है|
5. किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के सम्मिलित प्रभाव को किस भौतिक राशि से व्यक्त करते हैं? 
उत्तर:- किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के सम्मिलित प्रभाव को संवेग (p) राशि से व्यक्त किया जाता है|
6  संवेग के परिवर्तन की दर किस राशि को सूचित करती है? 
उत्तर:- p2-p1
7. एक पिंड पर लगे बल और उसमें उत्पन्न के बीच क्या संबंध है? 
उत्तर:- गुणात्मक
8. बल एक अदिश राशि है या सदिश राशि? 
उत्तर:- सदिश राशि
9. संवेग का SI मात्रक क्या है? 
उत्तर:- संवेग का SI मात्रक Kgms-1 किलोग्राम मीटर प्रति सेकेंड होता है|
10. असंतुलित बल किसी वस्तु पर कैसा त्वरण उत्पन्न करता है—शून्य या अशून्य? 
उत्तर:- अशून्य
11. न्यूटन के तृतीय गति के नियम को लिखें|
उत्तर:- अन्योन्य क्रिया में, पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है| अथवा प्रत्येक क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है जो लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होती है|
12. क्या क्रिया एवं प्रतिक्रिया एक ही पिंड या भिन्न पिंडों पर कार्य करते हैं? 
उत्तर:- यदि वस्तु का द्रव्यमान स्थिर रहे तो वस्तु में उत्पन्न त्वरण उसपर लगे बल के समानुपाती होता है| यह भिन्न भिन्न पिंडों पर कार्य करते हैं|
13. निम्नलिखित तथ्यों की व्याख्या किस प्रकार के जड़त्व से होती है?
क. कूदने के पहले मनुष्य दौड़ता है|
ख. साइकिल सवार द्वारा पैंडल चलाना बंद करने के बाद भी साइकिल सड़क पर कुछ दूर तक गति में रहती है|
ग. यात्री पीछे की ओर झुक जाता है जब रेलगाड़ी एकाएक चल पड़ती है|
उत्तर:-
क. गति के जड़त्व
ख. गति के जड़त्व
ग. विराम के जड़त्व
14. एक पिंड का त्वरण अपने गमन के दौरान पांच गुना हो जाता है, क्या उसपर लगा हुआ बल भी बदल जाता है? यदि हां, तो कितने से बदलता है? 
उत्तर:- पांच गुणा से बदलता है|
15. 0.2 किलोग्राम द्रव्यमान का एक पिंड स्थिर मेज पर रखा है, उसका संवेग क्या है? 
उत्तर:- शून्य होगा
16. कोई ट्रक 10 किलोमीटर/घंटा के वेग से चल रहा है और उतने ही वेग से कोई छोटा कंकड़ भी चल रहा है, इनमें किसका संवेग अधिक है? 
उत्तर:- छोटा कंकड़ का
17. गति के उस नियम का नाम लिखें जो निम्नलिखित में लागू होता है? 
क. पानी में तैरना
ख. मेज पर पड़ी पुस्तक का वहीं रहना
ग. गोली को छोड़ना
उत्तर:-
क. तृतीय नियम
ख. प्रथम नियम
ग. तृतीय नियम
18. घर्षण बल की दिशा क्या होती है? 
उत्तर:- क्षैतिज दिशा
19. 0.1 किलोग्राम का एक पिंड चिकनी एवं समतल सतह पर 4 मीटर/सेकेंड के एकसमान वेग से चल रहा है|उसपर लगा हुआ बल कितना है? 
उत्तर:-
चूंकि त्वरण शून्य है, अतः बल शून्य है|
20. 2N का बल एक बल 2kg द्रव्यमान के एक पिंड पर कार्य करता है तो उसमें त्वरण क्या है? 
उत्तर:-
F=ma
2=2×a
2/2=a
a=1m/s2
अतः त्वरण 1m/s2 होगा
21. किसी वस्तु पर 25N का बल लगाने से उसमें 5ms-1 का त्वरण उत्पन्न होता है| वस्तु का द्रव्यमान कितना है? 
उत्तर:-
F=ma
25=m×5
25/5=m
m=5kg
लघु उत्तरीय प्रश्न






1. बल की परिभाषा दें| इसका SI मात्रक क्या है? 
उत्तर:- बल उस बाह्य अभिक्रिया को कहते जो वस्तु की विराम अवस्था या एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन कर दे या परिवर्तन करने का प्रयत्न करे| बल एक सदिश राशि है| इसका SI मात्रक न्यूटन होता है|
2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है? फुटबॉल के खेल में एक खिलाड़ी A गेंद पर किक लगाकर उसे अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी B तक पहुँचाता है, B उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुंचाने का प्रयास करता है| विपक्षी टीम का गोलकीपर C गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी D की ओर किक लगाता  है| उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है|
उत्तर:-
गेंद का वेग तीन बार बदलता है (1) जब A किक लगाता है B की ओर (2) B जब किक लगाता है गोल की ओर (3) जब C उसे  पकड़कर D की ओर किक लगाता है| उसी प्रकार गेंद पर तीन बार बल लगता है, बल के कारण है क्रमशः (1) A (2) B (3) C
3. संतुलित और असंतुलित बलों की परिभाषा दें|
उत्तर:-
किसी वस्तु पर एक साथ कर रहे बलों का परिणामी यदि शून्य हो तो वे बल संतुलित कहे जाते हैं| दूसरी ओर यदि किसी वस्तु पर लगे अनेक बलों का परिणामी बल शून्य न हो तो बल उसकी विराम अवस्था या एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन कर देते हैं| ऐसे बलों को असंतुलित बल कहते हैं|
4. जड़त्व का नियम क्या है? इसे किस वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया था? 
उत्तर:-
यह सामान्य अनुभव है कि यदि कोई पिंड विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में बना रहता है| यह भी कल्पना करना कठिन नहीं है कि घर्षण मुक्त तल पर एक पिंड एक ही वेग से हमेशा चलता रहेगा| इस तरह किसी पिंड के वेग में परिवर्तन अर्थात् त्वरण के लिए बाहर से बल लगाना आवश्यक है| जिस गुण के कारण कोई पिंड अपने विराम की अवस्था अथवा एक सरल रेखा में अचर वेग के साथ गति की अवस्था को बनाये रखना चाहता है, उसे जड़त्व कहते हैं| जड़त्व के नियम का प्रतिपादन गैलीलियो ने किया था| इसीलिए इसको जड़त्व का नियम कहा जाता है|
5. बलों के समूह द्वारा उत्पन्न हो सकने वाले प्रभावों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
किसी कण पर लगे हुए दो या दो से अधिक बलों का परिणामी बल वह एकल बल है जिसका उस कण पर प्रभाव (त्वरण) दिए हुए बलों के सम्मिलित प्रभाव के समान है| किसी वस्तु पर एक साथ कार्य कर रहे बलों का परिणामी यदि शून्य हो तो वे बल संतुलित कहे जाते हैं, संतुलित बलों के अधीन कोई वस्तु इस तरह बर्ताव करती है मानो उसपर कोई बल कार्य नहीं कर रहा है अर्थात् त्वरण शून्य होता है, उसी वस्तु पर लगनेवाले दो बल अगर संतुलन में है तो दोनों बल 
1. एक दूसरे के विपरीत दिशा में होंगे और
2. परिमाण में बराबर होंगे
यदि हम संतुलित बलों से शुरू करें और उसमें किसी बल को बढ़ा या घटा दें तो परिणामी बल शून्य नहीं रह जाएगा और वस्तु उस बढ़े हुए बल की दिशा में गति करना प्रारंभ कर देगी अर्थात् उसमें त्वरण हो जाएगा| इस स्थिति में बल असंतुलित कहे जाते हैं| अर्थात् अशून्य परिणामी बल को असंतुलित बल कहते हैं|
6. न्यूटन के प्रथम नियम को लिखें ओर उसकी व्याख्या करें|
उत्तर:-
प्रत्येक वस्तु अपनी विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनाये रखती है जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करें| इनमें दो कथन निहित है—-1. कोई वस्तु विरामावस्था में तबतक रहती है जब तक कि बाह्य बल नहीं लगाया जाता है| 2. एक सरल रेखा पर एकसमान वेग से गतिशील वस्तु उसी वेग से चलती रहती है, जब तक कि उसपर कोई बाह्य बल नहीं लगाया जाता है|
7. जड़त्व क्या है? यह कितने प्रकार का होता है? व्याख्या करें|
उत्तर:-
यह सामान्य अनुभव है कि यदि कोई पिंड विरामावस्था में है तो वह विराम अवस्था में बना रहता है| यह भी कल्पना कठिन नहीं है कि घर्षण मुक्त तल पर एक पिंड एक ही वेग से हमेशा चलता रहेगा| इस तरह किसी पिंड के वेग में परिवर्तन अर्थात् त्वरण के लिए बाहर से बल लगाना आवश्यक है| जिस गुण के कारण पिंड अपने विराम की अवस्था अथवा एक सरल रेखा में अचर वेग के साथ गति की अवस्था को बनाये रखना चाहता है, उसे जड़त्व कहते हैं|
जड़त्व दो प्रकार के होते हैं——
विराम का जड़त्व—-
इस जड़त्व के कारण वस्तु की विरामावस्था में ही रहने की प्रवृत्ति होती है|
गति का जड़त्व—–
इस जड़त्व के कारण वस्तु एक सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में अपनी गति की अवस्था को बनाये रखने की प्रवृत्ति होती है|
8. जड़त्व और द्रव्यमान के संबंध को स्पष्ट करें|
उत्तर:-किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप होती है| जिस वस्तु का जड़त्व अधिक होता है| यदि हम एक ही आकार की फुटबॉल तथा पत्थर को ठोकर मारें तो फुटबॉल काफी दूर जायेगी, परन्तु उसी आकार में पत्थर अपनी जगह से हिलेगा भी नहीं और हमारे पांव में भी चोट लग सकती है, इससे यह स्पष्ट होता है कि फुटबॉल की अपेक्षा पत्थर में अपनी गति में परिवर्तन को रोकने की क्षमता अधिक होती है| अत:, पत्थर का जड़त्व तथा पत्थर का द्रव्यमान अधिक है| भारी वस्तुओं का जड़त्व हल्की वस्तुओं की अपेक्षा अधिक होता है|
9. क्या शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती वस्तु अशून्य वेग से गति कर सकती है? यदि हां तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगनेवाली शर्तों का उल्लेख करें| यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें|
उत्तर:-
हां, शून्य बाह्य असंतुलित बल (F=0) अनुभव करती वस्तु न्यूटन के प्रथम गति नियम से सरल रेखा पर एकसमान गति की अवस्था में होंगी अर्थात् उसके वेग का परिमाण और दिशा दोनों नियत होंगे|
10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200 न्यूटन का बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते है| बक्से पर लगनेवाले घर्षण बल क्या होगा? 
उत्तर:-
चूंकि बक्सा नियत वेग से चल रहा है, इसलिए उसपर परिणामी बल शून्य है, अर्थात् हमारे द्वारा लगाये गये बल को घर्षण बल संतुलित कर रहा है| अतः बक्से पर लगनेवाले घर्षण बल 200 न्यूटन का होगा|
11. किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाता है, क्यों? 
उत्तर:-
जब गाड़ी या बस अचानक चल पड़ती है तब उसमें सवार यात्री का निचला भाग गाड़ी या बस के साथ गति मान हो जाता जबकि विराम के जड़त्व के कारण यात्री के शरीर का ऊपरी भाग विराम में रहता है| इसलिए गाड़ी या बस के अचानक चल पड़ने से यात्री पीछे की ओर गिर जाते हैं|
12. चलती हुई बस में खड़ा व्यक्ति ब्रेक के एकाएक लगाये जाने पर आगे की ओर क्यों झुक जाता है? 
उत्तर:-
जड़त्व के नियम के अनुसार, “अगर कोई पिंड गतिशील है तो वह गतिशील ही रहना चाहती है| जब गाड़ी गतिशील रहती है तब उसमें बैठा यात्री भी गतिशील रहता है| गाड़ी के एकाएक रुक जाने पर उसपर खड़ा व्यक्ति या यात्री पूर्वावस्था में रहना चाहता है| फलतः वह आगे की ओर झुक जाता है|”
13. चलती गाड़ी से कूदना क्यों खतरनाक है? व्याख्या करें|
उत्तर:-
ऐसा जड़त्व के कारण होता है| चलती गाड़ी में सवार व्यक्ति गाड़ी के साथ ही गति की अवस्था में रहता है| परन्तु जब वह व्यक्ति गाड़ी से उतरता है तो उसके पैर विराम में आ जाते हैं जबकि उसके शरीर का ऊपरी भाग गति के जड़त्व के कारण गति की अवस्था में रहता है| अतः वह गाड़ी की गति की दिशा में गिर पड़ता है और घायल हो जाता है जो खतरनाक भी है| गिरने से बचने के लिए उसे गाड़ी की गति की दिशा में कुछ दूर तक दौड़ना चाहिए|
14. फिसलनवाली जमीन पर चलना कठिन होता है| व्याख्या करें|
उत्तर:- जब हम जमीन पर चलते हैं तो पैर और जमीन के बीच घर्षण के कारण हम जमीन पर तिरछा क्रिया बल लगा पाते हैं| जब हमें आगे बढ़ना होता है तो हम जमीन पर पीछे की ओर बल लगाते हैं| फिसलनवाली जमीन पर चलने में कठिनाई होती है क्योंकि तब घर्षण बहुत कम हो जाता है जिससे गिरने की संभावना अधिक होती है|
15. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती है, क्यों? 
उत्तर:-
पत्तियाँ शुरू में विरामावस्था में होती है जो जड़त्व के कारण इसी अवस्था में बनी रहना चाहती हैं| शाखाओं को तेजी से हिलाने से उनकी स्थिति बदल जाती है तथा जड़त्व के कारण पत्तियाँ टूटकर गिरने जाती हैं|
16. जब किसी छड़ी से एक दरी(कार्पेट) को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं| स्पष्ट करें|
उत्तर:-
जब किसी कालीन या दरी(कार्पेट) को छड़ी से पीटा जाता है तो दरी तो गतिशील हो जाती है जबकि धूल के कण विराम के जड़त्व के कारण विराम अवस्था में ही रहते हैं तथा इस प्रकार धूल दरी से बाहर आ जाती है|
17. दौड़ते हुए घोड़े के एकाएक रुक जाने पर सवार आगे की ओर फेंका जाता है, क्यों? 
उत्तर:-
जड़त्व के नियम के अनुसार, अगर कोई पिंड गतिशील है तो गतिशील ही रहना चाहता है| जब घोड़ा गतिशील रहता है तब उसपर बैठा सवार भी गतिशील रहता है| घोड़ा के एकाएक रुक जाने पर उसपर बैठा सवार पूर्वावस्था में रहना चाहता है| फलतः वह आगे की ओर फेंका जाता है|
18. दरी खींचने पर उसपर खड़ा व्यक्ति उलट जाता है क्यों? 
उत्तर:-
दरी पर खड़ा व्यक्ति अपने शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण विराम की अवस्था में बना रहता है जबकि दरी खींचने से दरी के बीच घर्षण पैदा हो जाता है| इस कारण वह गति की विपरीत दिशा में झुक जाता है| अर्थात् दरी खींचने पर उसका खड़ा व्यक्ति उलट जाता है|
19. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बांधा जाता है? 
उत्तर:-
जब सामान को बस की छत पर रखते हैं, तो ये बस के साथ जुड़े हुए नहीं होते हैं| इस स्थिति में बस जब अचानक चलना शुरू करती है, तो कुछ हल्के सामान बस की छत से पीछे की ओर गिर भी सकते हैं| यदि चलती हुई बस अचानक रुके तो सामान आगे की ओर गिर सकता है| इसलिए बस की छत के ऊपर सामानों को बांधकर रखने के लिए कहा जाता|
20. संवेग की परिभाषा दें| इसका SI मात्रक क्या है? 
उत्तर:-
किसी वस्तु के द्रव्यमान और इसके संवेग के गुणनफल को उसका संवेग कहते हैं, अर्थात्
संवेग=द्रव्यमान×वेग
p=mv
संवेग का SI मात्रक kgm/s होता है|
21. न्यूटन के द्वितीय गति नियम को लिखकर उसकी व्याख्या करें|
उत्तर:-
किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है और यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होता है|
22. खिलाड़ी क्रिकेट बाल का कैच लेते समय अपने हाथ को पीछे की ओर खींच लेता है, क्यों? 
उत्तर:-
तेज गति से आती हुयी गेंद को रोकने के लिए गेंद पर मंदन बल लगाना पड़ेगा| यदि गेंद को अचानक (बिना हाथ पीछे किये) रोका जाये तो इसके अति उच्च वेग को शून्य होने में बहुत कम समय लगेगा जिसके लिए काफी बड़ा मंदन बल थोड़े समय के लिए लगाना पड़ेगा, इस कारण हाथ जख्मी हो सकता है, गेंद की गति की दिशा में कुछ समय के लिए हाथ पीछे कर गेंद को धीरे धीरे रोका जाये तो गेंद के अति उच्च वेग को शून्य करने में कुछ समय मिल जाएगा और गेंद को रोकने के लिए अपेक्षाकृत हाथ के द्वारा मंदन बल लगाने की आवश्यकता होगी जिससे हाथ पर चोट नहीं आयेगी|
23. न्यूटन के तृतीय गति नियम की व्याख्या करें|
उत्तर:-
न्यूटन का तृतीय गति नियम बताता है कि दो वस्तुओं के अन्योन्यक्रिया में पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाये गये बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है| दूसरे शब्दों में प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है|
24. यदि किसी सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिये कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है? 
उत्तर:-
घोड़े द्वारा गाड़ी पर लगाया गया बल जब गाड़ी के पहियों पर विपरीत दिशा में लगते घर्षण बल से अधिक होता है तब ही गाड़ी आगे बढ़ती है और घोड़ा यह बल अपने टापों से पृथ्वी पर तिरछी दिशा में बल लगाकर पैदा करता है|
25. संवेग संरक्षण के सिद्धांत की व्याख्या करें|
उत्तर:-
न्यूटन के द्वितीय गति नियम से स्पष्ट है कि यदि वस्तु पर कोई बल आरोपित न हो तो उसके संवेग में कोई परिवर्तन नहीं होगा, अर्थात् संवेग नियत बना रहेगा| इस निष्कर्ष के व्यापक रूप को संवेग संरक्षण का सिद्धांत के नाम से जाना जाता है| इसे इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है—- वस्तुओं के निकाय पर यदि बाह्य बल आरोपित न हो तो संयुक्त निकाय का कुल संवेग संरक्षित रहता है|
26. राकेट या जेट विमान वायुमंडल रहित आकाश में कैसे चलता है? 
उत्तर:-
राकेट या जेट विमान के नोदन में राकेट के पिछले भाग में एक तुंड से होकर गैस अति उच्च गति से बाहर निकलती है| गैस द्वारा वहन किये गए संवेग के बराबर और विपरीत संवेग राकेट प्राप्त करता है| यह संवेग राकेट या जेट विमान को आगे की ओर धक्का देने के लिए आवश्यक बल प्रदान करता है जिससे राकेट या जेट विमान आसानी से वायुमंडल रहित आकाश में उड़ता है|
27. एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकनेवाली रबड़ की नाली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? 
उत्तर:- रबड़ की नली से बहुतायत मात्रा में पानी तब ही निकलता है जब उसपर नली द्वारा आगे की ओर बड़े परिमाण का क्रिया बल लगे | इसके उत्तर में पानी भी नली पर पीछे की ओर गति करना चाहेगी| अतः उसे रोकने के लिए अग्निशमन कर्मचारी को कठिनाई होती है|
28. एक लड़का सड़क पर खड़े ट्रक को धक्का लगाता है, परन्तु ट्रक गतिशील नहीं होता है, क्यों? 
उत्तर:-
लड़के द्वारा ट्रक पर आरोपित बल के विरुद्ध सड़क पर बराबर परिमाण का घर्षण बल लगाता है, जो लड़के द्वारा लगाये गये बल को संतुलित कर देता है, अतः ट्रक पर परिमाणी बल शून्य हो जाता है| इसलिए ट्रक गतिशील नहीं होता|

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न







1. बल की अवधारणा स्पष्ट करें|
उत्तर:-
बल वह भौतिक कारण है जो किसी वस्तु पर कार्य कर उसकी विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में परिवर्तन लाता है अथवा लाने की चेष्टा करता है| बल संख्यात्मक मान बड़ा या छोटा हो सकता है| अर्थात् बल को परिमाण है किसी वस्तु पर आरोपित बल का प्रभाव बल के सिर्फ परिमाण पर निर्भर नहीं करता है, अपितु बल की दिशा पर भी निर्भर करता है| अर्थात् बल को दिशा भी है| अतः बल एक सदिश राशि है| बल वस्तुओं पर आरोपित होने वाले बलों को मुख्यतः दो वर्गों में बांटा जा सकता है—–
स्पर्श बल, दूरी पर क्रिया बल 
न्यूटन के द्वितीय नियम से बल की परिभाषा स्पष्ट होती है| किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है और यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होता है|
बल का SI मात्रक न्यूटन है|
2. जड़त्व के प्रदर्शन के लिए एक प्रयोग का वर्णन करें|
उत्तर:-
जड़त्व के प्रदर्शन के लिए प्रायोगिक प्रदर्शन निम्न हैं—-
सिक्का कार्ड प्रयोग—
इसके लिए हम कांच के गिलास को क्षैतिज समतल, जैसे मेज पर रखते हैं और मोटा कार्ड, जैसे पोस्टकार्ड, गिलास के मुंह पर रखकर उसे ढंक देते हैं एक रुपया या पांच रुपया का एक सिक्का कार्ड के बीचोबीच रखते हैं| अब हम अपनी अंगुली द्वारा कार्ड पर जोर से झटका देते हैं| हम देखेंगे कि कार्ड हटाए जाता है और सिक्का गिलास में गिर जाता है| इसका कारण यह है कि कार्ड की एकाएक गति होने से सिक्के पर गति की दिशा में कोई बल पर्याप्त समय तक नहीं लग पाता है और सिक्का जड़त्व के कारण विराम में बना रहता है| किन्तु कार्ड (आधार) हटते ही सिक्के पर लगा पृथ्वी का गुरुत्व बल असंतुलित हो जाता है, क्योंकि आधार द्वारा सिक्के पर लगा पृथ्वी का गुरुत्व बल असंतुलित हो जाता है, क्योंकि आधार द्वारा सिक्के पर लगा अभिलंब बल का कार्य करना बंद हो जाता है| फलस्वरूप गुरुत्व बल के अधीन सिक्का गिलास में गिर जाता है|
3. न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल, द्रव्यमान और त्वरण का संबंध सत्यापित करें|
उत्तर:-
न्यूटन के गति का नियम—-
किसी वस्तु पर कार्यरत बल उसी वस्तु की मात्रा तथा त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है अथवा किसी वस्तु पर आरोपित बल संवेग परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है| न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाये जाने पर वस्तु में उत्पन्न त्वरण, बल के समानुपाती तथा वस्तु की मात्रा के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा त्वरण की दिशा बल की दिशा होती है| न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से बल की माप होती है| न्यूटन के द्वितीय नियम से बल द्रव्यमान और त्वरण का संबंध निम्न हैं—–
माना m द्रव्यमान वाले पिंड पर बल F आरोपित होने से उत्पन्न त्वरण का मान a है|
न्यूटन के द्वितीय नियम के आधार पर a@F and a@F/m
a=kF/m where k is constant
यदि बल की इकाई इस बल को माना जाये तो इकाई द्रव्यमान वाले पिंड पर आरोपित होकर पिंड में इकाई त्वरण उत्पन्न कर दे, तो
a=1, m=1 होने पर F=1
1=k1/1 या k=1
अत: k=1 का उपयोग करने पर, a=kF/m Or, aF/m
Or, F=ma (बल=द्रव्यमान×त्वरण) 
अतः द्रव्यमान और त्वरण के गुणनफल के द्वारा बल की माप की जा सकती है|
4. न्यूटन के तृतीय गति नियम को लिखकर उसे एक प्रयोग द्वारा सत्यापित करें|
उत्तर:-
न्यूटन के गति का तृतीय नियम—–
प्रत्येक क्रिया की बराबर तथा विपरीत प्रतिक्रिया होती है| जैसे—मेज पर रखी किताबें, बंदूक से गोली छोड़ी जाने पर स्थिति, नाव खोना, पृथ्वी पर चलना इत्यादि|
प्रयोग–दो कमानीदार तुलाओं द्वारा तृतीय गति नियम का प्रदर्शन—–
इसके लिए हम दो कमानीदार तुलायें लेते हैं और उनके हुकों को एक दूसरे से फंसा देते हैं, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है| हम तुलाओं को अब विपरीत दिशाओं में खींचते हैं| हम देखेंगे कि दोनों तुलायें समान पाठ्यांक सूचित करेंगे इससे स्पष्ट होता है कि एक तुला का दूसरी तुला पर क्रिया बल और दूसरी तुला का पहली तुला पर प्रतिक्रिया बल परिमाण में बराबर है और दिशा में विपरीत है| इस प्रकार न्यूटन के तृतीय गति नियम का प्रदर्शन हो जाता है|
5. संवेग संरक्षण का नियम लिखें और उसे एक ही सरल रेखा पर गति करते हुए टकराने वाले दो गोलों के लिए प्रमाणित करें|
उत्तर:-
न्यूटन के द्वितीय गति नियम से स्पष्ट है कि यदि वस्तु पर कोई बल आरोपित न हो तो उसके संवेग में कोई परिवर्तन नहीं होगा, अर्थात् संवेग नियत बना रहेगा| इस निष्कर्ष के व्यापक रूप को संवेग संरक्षण का सिद्धांत के नाम से जाना जाता है|
प्रमाण—
एक ही सरल रेखा पर गति करते हुए टकराने वाले दो गोलों का प्रमाण निम्न हैं——
दो या दो से अधिक वस्तुओं में केवल पारस्परिक क्रियाएँ होने पर बाह्य बल की अनुपस्थिति में किसी भी दिशा में उसके संवेग का बीजीय योगफल अचर होता है|
माना कि m1 तथा m2 द्रव्यमानों के A तथा B वस्तुएँ एक ही दिशा में क्रमशः u1 तथा u2 वेग से गतिशील है|
तो A वस्तु का संवेग= m1u1
तथा B वस्तु का संवेग= m2u2
टक्कर के पहले  A तथा B  वस्तुओं का कुल संवेग=m1u1+m2u2
फिर माना कि वस्तुएँ अल्प समय t के लिए टकराती है जिससे उनके वेग क्रमशः v1 तथा v2 हो जाते हैं| न्यूटन के गति के तृतीय नियम के अनुसार, टक्कर के दौरान A वस्तु B पर बल F1 लगाती है तथा प्रतिक्रिया स्वरूप B भी A पर F2 बल लगाती है| न्यूटन के गति के तृतीय नियम से हम पाते हैं कि
F1=-F2
F1=m2(v2-u2)/t
F2=m1(v1-u1)/t
m2(v2-u2)=-m1(v1-u1) 
m2v2-m2u2=-m1v1+m1u1
m2v2+m1v1=m1u1+m2u2
अतः टक्कर के पूर्व संवेग=टक्कर के बाद संवेग

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